अगर आप भी एक ब्लॉगर हो। तो आपको Plagiarism के बारे में भी पता होना बहुत जरूरी है। अगर आप एक नए ब्लॉगर हो तो शायद आपको Plagiarism के बारे में ना पता हो। तो आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से Plagiarism के बारे में हर एक डिटेल देने वाले हैं। Plagiarism क्या होता है। Plagiarism कैसे चेक करें। Plagiarism टूल्स क्या है। 8 Free Plagiarism checker tools, फ्री Plagiarism टूल्स कैसे यूज़ करें। तो आज हम आपको इसके बारे में हर एक जानकारी देंगे। इसके लिए आपको हमारे आर्टिकल को बहुत ही अच्छे से पढ़ना पड़ेगा।

अगर आप ब्लॉगिंग करते हो तो आपको प्लेगरिज़्म के नुकसान का भी पता होना जरूरी है। तो अब जानते हैं कि प्लेगरिज़्म होता क्या है। आपको अपने ब्लॉग पोस्ट या आर्टिकल में Plagiarism चेक करना आना चाहिए। अगर आपकी ब्लॉग पोस्ट या आर्टिकल में प्लेगरिज़्म पाया गया तो यह आपकी वेबसाइट को बहुत ज्यादा नुकसान कर देती है।
Plagiarism क्या है ?
Plagiarism क्या है।प्लेगरिज़्म वो होता है जब कोई किसी दूसरे के कंटेंट को कॉपी करने के बाद उसे चुराकर अपनी वेबसाइट से पब्लिश कर देता है। अगर साधारण शब्दों में कहा जाए तो जब कोई दूसरी वेबसाइट किसी बारे में अपने आर्टिकल के माध्यम से लोगों तक अपनी इंफॉर्मेशन पहुंचा रही है। उसी इंफॉर्मेशन को कोई दूसरा कॉपी करके अपनी वेबसाइट पर डाल रहा है। तो उसे प्लेगरिज़्म बोलते हैं। और यह बहुत ही हानिकारक होता है content चोरी करने वाले के लिए।
क्योंकि अगर वह ऐसा करता है तो उसकी वेबसाइट हमेशा के लिए कॉपीराइट के चलते बंद हो जाती है। इसीलिए किसी दूसरे के कंटेंट को कॉपी ना करें। अगर आपको इंफॉर्मेशन देना चाहते हो तो खुद अपनी वेबसाइट पर अच्छे से आर्टिकल लिखकर लोगों तक अपनी इंफॉर्मेशन पहुंचाएं। Plagiarism के बारे में इंटरनेट में बहुत ज्यादा सर्च किया जाता है। महीने में लगभग 500000 से 600000 तक इसे गूगल पर सर्च करते हैं।
गूगल इसको रोकने के लिए बार-बार बहुत कड़े कदम उठाता है। पर तब भी लोग Plagiarism करना नहीं छोड़ते। आजकल तो किसी के कंटेंट को कॉपी करने के बाद अपने नाम से अपनी वेबसाइट पर डाल देना एक आम बात ही हो गई है। पर जब यह चीज गूगल को पता चल जाती है तो content चोरी करने वाले की वेबसाइट पर स्ट्राइक भेजकर उसे सीधे ही बंद कर देता है।
एक ब्लॉगर को किसी दूसरे की दी हुई इंफॉर्मेशन अपनी वेबसाइट से नहीं डालनी चाहिए। क्योंकि इससे आपकी अपनी वेबसाइट के SCO के ऊपर भी बहुत ज्यादा असर पड़ता है। क्योंकि गूगल सिर्फ और सिर्फ उनकी वेबसाइट को रैंक करता है। जिनमें बहुत ही यूनीक कंटेंट होता है।
अगर आप एक नए ब्लॉगर हो तो सबसे पहले आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि आपकी वेबसाइट पर कोई भी कॉपीराइट वाला कंटेंट ना हो। क्योंकि इसकी वजह से आपकी वेबसाइट कभी रैंक ही नहीं होगी। और कुछ टाइम बाद बंद हो जाएगी।
Plagiarism का क्या अर्थ है?
Plagiarism का अर्थ है साहित्यिक चोरी।
साहित्यिक चोरी एक बहुत ही बड़ा अपराध होता है। और किसी दूसरे के कंटेंट को चोरी करना गैरकानूनी होता है। अगर आपको ब्लॉगिंग करनी है तो आपको एक नए आर्टिकल को अच्छे से लिखना होगा। अगर आपको किसी चीज के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं है पर फिर भी आप उसके बारे में लिख रहे हैं। तो आप किसी और के आर्टिकल को देखकर उसे फिर से खुद अपने शब्दों में लिखकर अपनी साइट पर डाल सकते हो। क्योंकि यह पूरी तरह से गलत नहीं होता। वैसे तो आपको एक यूनीक और नया ही आर्टिकल लिखना चाहिए।
Plagiarism के नुकसान क्या है?
आपको Plagiarism के बहुत बड़े बड़े नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। अगर आप किसी दूसरे के आर्टिकल से इनफॉरमेशन लेकर उसे कॉपी पेस्ट करने के बाद अपने ब्लॉग में डालते हैं तो उसके क्या क्या नुकसान हो सकते हैं हम इसके बारे में डिस्कस करेंगे।
- सबसे पहले तो अगर आप किसी दूसरे के कंटेंट को चोरी करने के बाद अपने वेबसाइट से डाल रहे हो। तो इससे आपको गूगल कॉपीराइट स्ट्राइक भेज सकता है। और इसकी वजह से आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
- अगर आप बार-बार अपनी वेबसाइट से ऐसे ही कॉपीराइट वाली पोस्ट डालते हो। तो गूगल इसके खिलाफ एक्शन लेता है। और आपकी वेबसाइट को हमेशा के लिए बंद कर देता है।
- अगर आप किसी दूसरे के कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डालते हो तो गूगल कभी भी आपकी वेबसाइट को रैंक नहीं करता।
- आपको हमेशा Plagiarism से बचना चाहिए। और एक यूनीक आर्टिकल लिखना चाहिए।
- Plagiarism एक बहुत बड़ा गैरकानूनी काम होता है।
Plagiarism Checking टूल्स क्या है?
Plagiarism चेकिंग टूल एक ऐसा टूल होता है जिसके द्वारा हमें यह पता लगता है कि जो हमने आर्टिकल लिखा है क्या वह ओरिजिनल है या फिर वह किसी दूसरे के कंटेंट से मैच या कॉपी तो नहीं हो रहा। इसीलिए ब्लॉगर सबसे पहले आर्टिकल लिखने के बाद एक बार Plagiarism चेकिंग टूल्स के द्वारा चेक कर लेते हैं।
Plagiarism को चेक करने के लिए गूगल पर बहुत सारी फ्री वेबसाइट दी गई है। जिसके द्वारा आप आसानी से अपने कंटेंट के बारे में पता लगा सकते हो कि आपका कंटेंट कॉपीराइट कंटेंट तो नहीं। अगर आपके आर्टिकल में कोई एक भी लाइन कॉपीराइटेड आ रही है तो वह टूल आपको उसके बारे में बता देता है। जिस लाइन में कॉपीराइट आया होता है तो वो टूल उस लाइन को हाईलाइट करके बताता है कि यहां पर कॉपीराइट आया है।
और साथ ही साथ यह भी बता देता है कि किस वेबसाइट के साथ आपका कंटेंट मैच हुआ है। कभी-कभी अगर आप कोई ओरिजिनल आर्टिकल लिख रहे हो पर उसके बाद भी एक आधी लाइन में आपको कॉपीराइट देखने को मिल सकता है।
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Plagiarism चेकर काम कैसे करता है?
- सबसे पहले आपको Plagiarism चेकर साइट पर अपने कंटेंट को अपलोड करना है।
- आप हिंदी भाषा में भी अपने कंटेंट को चेक कर सकते हो।
- उसके बाद आपको Plagiarism चेकर वेबसाइट पर अपने आर्टिकल को स्कैन करना होता है।
- और Plagiarism Checking वेबसाइट एक एक लाइन और एक एक शब्द को अच्छे से स्कैन करने करती है।
- उसके बाद जब 100% स्कैन हो जाता है तो आपको रिजल्ट मिल जाता है।
- रिजल्ट मिलने के बाद आपको वो लाइन हाईलाइट हो जाती है जोकि कॉपीराइटेड होती है।
- अगर आपके आर्टिकल में कुछ भी कॉपीराइट से जुड़ा आ रहा है तो आपको वह अपने आर्टिकल से हटा देना चाहिए।
Plagiarism चेकर का इस्तेमाल क्यों करते हैं?
इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि आपका आर्टिकल ओरिजिनल है या कॉपीराइट वाला। अगर आपके आर्टिकल में कुछ भी कॉपीराइट से जुड़ा हुआ आ जाए तो Plagiarism Checker आपको इसके बारे में अच्छे से बता देता है। ताकि आपका कंटेंट डुप्लीकेट कंटेंट ना बने। इसके बाद आपको अपने कंटेंट में सिर्फ ओरिजिनल कंटेंट को ही रखना चाहिए और कॉपीराइट वाले कंटेंट को हटा देना चाहिए।
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8 Free Plagiarism checker tools – Free Plagiarism चेकिंग टूल कौन-कौन से हैं?
आपको अपने कंटेंट में प्लेगरिज़्म चेक करने के लिए गूगल पर बहुत सारी फ्री की वेबसाइट मिल जाएंगी या टूल्स मिल जाएंगे। उन के माध्यम से आसानी से अपने कंटेंट के प्लेगरिज़्म को चेक कर सकते हो। तो आज हम बात करते हैं कुछ बेस्ट प्लेगरिज़्म चेकिंग टूल्स के बारे में।
- Duplichecker
- Small SCO Tools
- Quetext
- Grammarly
- Search Engine Reports
- Copyscape
- Plagiarism Detector
Duplichecker
Duplichecker एक बहुत ही अच्छा प्लेगरिज़्म चेक करने का tool है। यह टूल गूगल पर बिल्कुल फ्री में मिलता है। इसमें आप अपने कंटेंट को डालकर बिलकुल आसानी से Plagiarism चेक कर सकते हो। और यह बहुत अच्छे से रिजल्ट भी दिखाता है। वर्तमान समय में काफी लोग इसको यूज़ कर रहे हैं। अगर आप भी इस को फ्री में यूज़ करना चाहते हैं तो आप 1000 शब्दों के लिए इसे इस्तेमाल कर सकते हो।
1000 शब्दों के लिए यह फ्री में काम करता है। अगर आपको 1000 शब्दों से ज्यादा शब्द चेक करने हैं तो आपको इसके लिए पैसे देने पड़ेंगे। इसमें आप अपने कंटेंट को कॉपी पेस्ट करके या उसकी डॉक्यूमेंट फाइल को भी अपलोड करने के बाद आसानी से प्लग रीजन को चेक कर सकते हो। और इसको इस्तेमाल करना बहुत आसान है।
Small SCO Tools
Small SCO tools एक फेमस वेबसाइट है प्लेगरिज़्म चेक करने की। इस वेबसाइट को बिल्कुल फ्री में इस्तेमाल कर सकते हो। इसके लिए आपको कोई भी पैसा नहीं देना पड़ेगा। यह आपको प्लेगरिज़्म चेक करने के लिए बहुत सारे टूल्स देती है जैसे स्पेल चेकर, ग्रामर चेकर, वर्ड काउंटर इत्यादि।
यह आपके कंटेंट को बहुत अच्छे से चेक करने के बाद आपके सामने रिजल्ट को दिखाता है। इसमें आप अपने कंटेंट को कॉपी पेस्ट करके या डॉक्यूमेंट फाइल के रूप में भी डालकर चेक कर सकते हो।
बहुत सारे लोगों को शायद यह पता ना हो कि गूगल को भी एक Plagiarism चेक करने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। और प्लेगरिज़्म चेक करने वाले टूल्स की तरह तो काम नहीं करता। पर बहुत सारी चीजें स्कैन करके आपको दिखा सकता है। यह बहुत ही छोटे-छोटे भाग में आपकी कंटेंट को चेक कर सकता है। इसके लिए आपको अपने कंटेंट को गूगल सर्च इंजन में ही ओपन करना होता है।
Quetext
Quetext भी एक Plagiarism चेक करने का बहुत ही जबरदस्त टूल है। इसको इस्तेमाल करके आप बहुत ही आसानी से Plagiarism के बारे में पता कर सकते हो। इसको आप फ्री में और पैसे देकर भी इस्तेमाल कर सकते हो। यह पहले तो कुछ समय तक आपको फ्री में रिजल्ट दे देता है पर उसके बाद आपको इसके लिए पैसे देने पड़ सकते हैं। और यह फ्री में सिर्फ 500 शब्दों को ही चेक कर सकता है। और यह आपको एकदम सही रिजल्ट देता है।
अगर आप इसे बार-बार इस्तेमाल करना चाहते हो तो इसके लिए आपको इसके पैसे देने पड़ेंगे। और यह हिंदी आर्टिकल को चेक नहीं करता।
Grammarly
यह एक बेस्ट और टॉप का Plagiarism चेक करने का tool है। यह टूल आपको आपके आर्टिकल में जितनी भी ग्रामर की मिस्टेक हुई है उनके बारे में बता देता है। यह tool आर्टिकल में ग्रामर की मिस्टेक को चेक करने के लिए सबसे अच्छा tool है। आप इस टूल को फ्री में इस्तेमाल कर सकते हो। लेकिन फ्री में इस्तेमाल करने के लिए इसमें कुछ लिमिटेशन है।
Search Engine Reports
यह भी एक बेस्ट Plagiarism चेकर टूल है। यह हर एक लाइन को अच्छे से सर्च करता है। और उसके बाद आपको रिजल्ट दिखाता है। इस टूल में आप छोटे छोटे पैराग्राफ को चेक कर सकते हो। इसका रिजल्ट यह आपको बहुत अच्छा दिखा देता है। अगर आप इस में बड़े-बड़े आर्टिकल को चेक करते हो तो यह अच्छे से चेक नहीं कर पाता। और आपकी कॉपीराइटेड लाइन को हाईलाइट नहीं करता।
Copyscape
यह टूल आपको फ्री में Plagiarism चेक करने की अनुमति देता है। प्लेगरिज़्म चेक करने के लिए काफी अच्छा टूल है। इसका इस्तेमाल आप बहुत ही आसानी से कर सकते हो। और अपना Plagiarism चेक कर सकते हो। इसमें आप अपने कंटेंट को कॉपी पेस्ट करके या यूआरएल के जरिए चेक कर सकते हो। और इसके बाद यह स्कैन करके आपको रिजल्ट दिखा देता है।
अगर आप इस टूल को फ्री में इस्तेमाल करना चाहते हो तो यह आपको 5 से 10 बारी फ्री में चेक करने की अनुमति देता है। उसके बाद इसमें कुछ लिमिटेशंस लग जाती है या फिर आपको इसके पैसे देने पढ़ सकते हैं।
Plagiarism Detector
Plagiarism Detector बहुत ही अच्छा टूल है प्लेगरिज़्म चेक करने के लिए। और यह पूरी तरह से फ्री है। यह हिंदी में लिखे हुए आर्टिकल में Plagiarism चेक करने के लिए सबसे बेहतरीन टूल है। इस टूल को इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी भी तरह के पैसे नहीं देने होंगे। बस अपने कंटेंट को कॉपी पेस्ट करके आप अपने कंटेंट के प्लेगरिज़्म को चेक कर सकते हो।
और इसे आप बिल्कुल फ्री में इस्तेमाल कर सकते हो ।और यह आपको काफी अच्छे से रिजल्ट दिखा देता है। इसमें आप एक बार में 1000 शब्दों को चेक कर सकते हो। अगर आप 1000 शब्द से ज्यादा शब्दों को चेक करना चाहते हो तो इसके लिए आपको पैसे देने पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
उम्मीद है कि आपको हमारे आर्टिकल को अच्छे से पढ़ने के बाद यह तो पता लग ही गया होगा कि Plagiarism क्या होता है। और इसके क्या क्या नुकसान है। तो निष्कर्ष के रूप में हम यह कह सकते हैं कि अगर आप भी एक ब्लॉगर हो तो आपको बिल्कुल यूनिक आर्टिकल को ही लिखना चाहिए। और अपने ब्लॉग में पोस्ट करना चाहिए। आपको कभी भी किसी दूसरे की इंफॉर्मेशन को कॉपी पेस्ट करने के बाद अपनी वेबसाइट से नहीं डालना चाहिए। यह गैरकानूनी काम होता है जिसका कि आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
अगर आपका आर्टिकल यूनिक नहीं होगा तो गूगल भी आपके आर्टिकल को रैंक नहीं करेगा। क्योंकि गूगल हमेशा यूनिक आर्टिकल को ही रैंक करता है। इसीलिए आपको अगर कुछ भी इंफॉर्मेशन अपनी वेबसाइट के जरिए देनी हो तो इसे आप खुद लिखकर ही दें। किसी और के आर्टिकल को कॉपी पेस्ट ना करें। यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा नुकसान दायक हो सकता है।
बार-बार पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
Q. ब्लॉगिंग करने के लिए कौन सा टॉपिक का चुनाव करना चाहिए?
Ans. अगर आप ब्लॉगिंग करना चाहते हो तो आपको वही टॉपिक का चुनाव करना चाहिए जिसके बारे में कि आपको बहुत अच्छे से जानकारी हो।ताकि आप अपनी जानकारी को अपने आर्टिकल के माध्यम से लोगों तक पहुंचा सके।
Q. क्या Plagiarism चेक किए बिना ही अपने आर्टिकल को पोस्ट करना चाहिए?
Ans. नहीं, अगर आपने ओरिजिनल कंटेंट भी लिखा है उसके बाद भी आपको क्रॉस चेक करने के लिए एक बार प्लेगरिज़्म चेकिंग वेबसाइट पर जाकर अपने आर्टिकल को चेक करना चाहिए। और उसके बाद ही अपनी वेबसाइट में पोस्ट करना चाहिए। कभी-कभी ओरिजिनल कंटेंट में भी एक आधी लाइन किसी दूसरी वेबसाइट से कॉपी हो जाती है इसीलिए हमेशा एक बार Plagiarism चेकिंग टूल मैं आपको अपने आर्टिकल को चेक करना चाहिए।
Q. क्या हिंदी भाषा के आर्टिकल का भी प्लेगरिज़्म चेक कर सकते हैं?
Ans. हां, हिंदी भाषा के आर्टिकल का भी प्लेगरिज़्म चेक हो जाता है।
Q. क्या फ्री में प्लेगरिज़्म चेकिंग टूल्स को इस्तेमाल करना सही है?
Ans. अगर आप एक नए ब्लॉगर हो तो आपके लिए फ्री प्लेगरिज़्म चेकिंग टूल ठीक है। पर बाद में आपको paid प्लेगरिज़्म चेकिंग टूल का ही इस्तेमाल करना चाहिए।